chapter 17 -- सत्रहवाँ अध्याय
chapter 17 -- श्रीमद्भगवद्गीता तथा दुर्गा सप्तशती हमारे पाठ ग्रंथ हैं अर्थात् घर घर में इनके पाठ का चलन है जो हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। गीता का सत्रहवाँ अध्याय आप यहाँ देख व सुन सकते हैं। पाठ किया है पूज्य पिताजी प्रो. डॉ बलराम सदाशिव अग्निहोत्री ने। तब वह 86 वर्ष की आयु के थे। उन्हे पूरी गीता करीब करीब कंठस्थ थी और हम बच्चों को भी वही संस्कार दिया। उनकी बाबत जानकारी के लिये देख सकते हैं उनका ब्लॉग.
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